शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2016


           अदभुत फल  देती है   मंगल और शनि की युति 
                                                          कर्मो के आधार पर देते है जातक को दण्ड
 शनि और मंगल दोनों की गिनती पाप ग्रहों में होती है। कुंडली में इनकी अशुभ स्थिति भाव फल का नाश कर व्यक्ति को परेशानियों में डाल सकती है, लेकिन कभी कभी ये योग जातक को बुलंदी पर ले जाती है 
शनि-मंगल युति-प्रतियुति जीवन में आकस्मिकता का समावेश कर देती है। वैवाहिक जीवन, नौकरी, व्यवसाय, संतान, गृह सौख्य इनसे संबंधित शुभ-अशुभ घटनाएँ जीवन में अचानक घटती हैं। अचानक विवाह जुड़ना, अचानक प्रमोशन, बिना कारण घर बदलना, नौकरी छूटना, कार्यस्थल या शहर-देश से पलायन आदि शनि-मंगल युति के आकस्मिक परिणाम होते हैं।यहाँ  तक की राज नीति अस्थिरता भी ये ग्रह ही देते है 
                    प्रस्तुति ज्योतिष भुसन राजा पण्डित
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