रविवार, 18 अक्तूबर 2015

मोक्ष क्या है :
 मोक्ष एक ऐसी दशा है जिसे मनोदशा नहीं कह सकते। इस दशा में न मृत्यु का भय होता है न संसार की कोई चिंता। सिर्फ परम आनंद। परम होश। परम शक्तिशाली होने का अनुभव। मोक्ष समयातीत है जिसे समाधि कहा जाता है।मोक्ष या समाधि का अर्थ अणु-परमाणुओं से मुक्त साक्षीत्व पुरुष हो जाना। तटस्थ या स्थितप्रज्ञ अर्थात परम स्थिर, परम जाग्रत हो जाना। ज्ञाता, ज्ञान और ज्ञेय का भेद मिट जाना। इसी में परम शक्तिशाली होने का 'बोध' छुपा है, जहां न भूख है नप्यास, न सुख, न दुख, न अंधकार न प्रकाश, न जन्म है, न मरण और न किसी का प्रभाव।हर तरह के बंधन से मुक्ति। परम स्वतंत्रता अतिमानव या सुपरमैन।संपूर्ण समाधि का अर्थ है मोक्ष अर्थात प्राणी का जन्म और मरण के चक्र से छुटकरस्वयंभू और आत्मवान हो जाना है। समाधि चित्त की सूक्ष्म अवस्था है जिसमें चित्तध्येय वस्तु के चिंतन में पूरी तरह लीन हो जाता है। जो व्यक्ति समाधि को प्राप्त करता है उसे स्पर्श, रस, गंध, रूप एवं शब्द इन 5 विषयों की इच्छा नहीं रहती तथा उसे भूख-प्यास, सर्दी-गर्मी, मान-अपमान तथा सुख-दु:ख आदि किसी की अनुभूति नहीं होती

बुधवार, 5 अगस्त 2015

"महाकुंभ"
आस्था का सिंगस्थ  महाकुम्भ
       नासिक
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
हमारे देश में आस्था का सब पर्व का  मूल है उसी आस्था की रूप लिए ये है महाकुम्भ का मेला जो भारत में ही नहीं पूर्ण विस्व में प्रसिद्ध माना जाता है ये महाकुम्भ का महापर्व  मुख्य रूप से भारत में प्रमुख इलाहाबाद(प्रयागराज)यूपी
हरिद्वार(उत्तरांचल)
उज्जैन(मध्य प्रदेश)
नासिक (महाराष्ट्र)
इस बार ये महाकुंभ
नासिक में लग रहा है
सिंगस्थ  महाकुम्भ( गुरु का सूर्य में प्रवेश) नासिक में गोदावरी और कपिला नादी का संगम है जहा पर भक्त गण इस् अमृत युत जल में स्नान कर अपने जन्म जन्म के पापो से मुक्त हो जाते है
3RD EYE ASTRO WORLD(REG)
राजा पण्डित
09236553033

मंगलवार, 21 जुलाई 2015

3RD EYE ASTRO WORLD(REG)
💛💛💛💛💛💛
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏💛🙏🙏
BY राजा पंडित"आराध्य"
09236553033
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🚩🚩🚩🚩
मित्रो आज जो मै कांसेप्ट लिख लिख रहा हु व् बड़ा अटपटा है
हो सकता है आप को भी बुरा लगे 🚩
जब कुंडली में सूर्य+राहु की युति की युति होती है
या इन दोनो की दृस्टि नवम नवम भाव या तृतीय भाव पर पड़ती है तो लोग "पितृ दोष "में आ जाते है
🚩मित्रो आपको ज्ञात है की
सूर्य-पिता का कारक
राहु -दादा (पितामह) का कारक
चुकी राहु इक छाया ग्रह है
मतलब पित्र भी छाया के ही जैसे होते है उनका सरीर नहीं होता है
इस कारण से जब राहु की युति सूर्य से होती है तो पित्र दोष का योग बनता है🌿🌿🌿
मित्रो सोचिये की पिता व् दादा का संयोग को लोग पित्र दोष की श्रेणी में ला देते है
लोग इस युति पर नेगेटिव ही बोलते है🚩🚩पर मित्रो आपको ये मालूम होना चाहिए की ये योग ये आपको सूचित करता है की आपके पित्र आपसे कितना प्यार करते है की आपके साथ हमेसा रहते है मित्रो ये योग मेरे हिसाब से बहुत अछा है
क्योंकि आपको "पिता के साथ पित्र का भी"असिरवाद मिल रहा है
मेरे तर्क है की मै दुनिया में अगर आया हु तो इसमें पित्र का बहुत असिरवाद होता है इस्वर भी पित्र में वास् करता है
🚩
पित्र हमें जीवन में बहुत कुछ देकर जाते है लोग बोलते है की
ये सम्पति मेरे पूर्वज ने हमें प्रदान किया है या उनकी है
मतलब उनकी सम्पति यूज़ करने का हमें हक़ है तो उनकी सेवा भी करना हमरा हक़ बनता है
🌿🌿🚩🙏🚩
मित्रो मतलब साफ़ की पित्र दोष वास्तव में होता ही नहीं पित्र कभी भी अपने वंसज का विनास नहीं करते लेकिन अगर उनकी नियमित पूजा व् उनके नाम का दान न किया जाये तो वो जातक की "मिरतु तुल्य "
कास्ट प्रदान करते है
🙏👉मित्रो जाहिर सी बात है की ये योग ये आपको दर्षाता है की आपका पितृ के प्रति जो ऋन है उसकी अछे से चूक दीजिये
🚩🌿🌿🌿🌷
मतलब साफ़ अगर मेरे पित्र हमसे खुश नहीं है तो हमें इस्वर व् गुरु की कृपा नहीं मिलती है ।मतलब 9 भाव का स्वामी गुरु
होता है 🙏👉मतलब मित्रो आपकी कुण्डली में जब 9 भाव में पित्र योग बनता है तो आगर आप पित्र को खुस नहीं करते है तो आपका'"गुरु"कभी भी मतलब आपका धर्म व् गुरु व् देव
🌿🌿🙏 कभी भी आपका साथ नहीं देंगे
👉मित्रो मैं जो लिखा हु अगर आपको बुरा लगे तो मैं आपसे दोनों हाथ🙏🙏🙏❤🙏 जोड़कर छःमाँ
मागता हु
🙏🙏🌿👉👉❤❤
🙏➡राजा पंडित
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सोमवार, 20 जुलाई 2015

शनिवार, 18 जुलाई 2015

आज का सुविचार
एस्ट्रोलोजर आपका भाग्य नहीं बदल सकता है
वो इस्वर नहीं है लेकिन उसके मार्गदरसान पर आप अपने को बदल सकते है
भरोसा खुद पर रखे
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आज रविवार
जिनका सूर्य ठीक न हो  वो ये
उपाय करे
🙏➡ भगवान राम की आराधना करे |
🙏➡ आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करे,
🙏➡ सूर्य को आर्घ्य दे, गायत्री मंत्र का जाप करे |
🙏➡ ताँबा, गेहूँ एवं गुड का दान करें।
🙏➡ प्रत्येक कार्य का प्रारंभ मीठा खाकर करें।
🙏➡ताबें के एक टुकड़े को काटकर उसके दो भाग करें। 🙏➡एक को पानी में बहा दें तथा दूसरे को जीवन भर साथ रखें।
🙏➡ ॐ रं रवये नमः या ॐ घृणी सूर्याय नमः 108 बार 1 माला जाप करे|
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➡ मंगल दाेष की भूमिका में
मंगल, मंगल भी व मंगल अमंगल भी  -शाेध राजा पंडित इलाहाबाद

मित्रों आज बात कर रहा हूं मांगलिक दाेष पर वास्तव में मंगल काे विवाह के लिए अशुभ क्याे माना जाता है जबकि विवाह में मांगलिक कार्यों में मंगल के रंग (लाल 🎨) का प्रयोग का प्रयोग हम बेहिचक करते हैं मंगल का महत्व विवाह में काफी ज्यादा है मेरा मानना है की सर्वप्रथम की मंगल के बारे में आप सभी नकारात्मक विचार धारा त्याग दें जन्म कुंडली में  स्वस्थ मंगल ही हमें भूमि, वाहन व सहोदर, नेता, साहस ये सब मंगल से ही हाेता है
लाख हम मजबूत हाे लेकिन हमारा साहस हमारे साथ नहीं है ताे हम कभी भी विपरीत परिस्थिति का सामना नहीं कर सकते मतलब साफ है मगंल का मजबूतपन हमारे कुंडली में हाेने चाहिए
आप सब जानते हैं कि हर व्यक्ति में गुण दाेष पाये जाते हैं ठीक उसी प्रकार से ग्रह 🌍 में भी गुण दाेष पाये जाते हैं
मंगल दछिण दिशा का स्वामी हाेता है व जाति का  छात्रिय हाेता मगंल कभी भी परास्त नहीं हाेता अंतिम छण तक हिम्मत 💪 प्रदान करता है मगंल मृगशिरा, चित्रा, धनिष्ठा  का स्वामी है और मंगल के नायक देवता हमारे पूर्ण ब्रह्मचारी हनुमान जी है इसलिए दछिण मुखी हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए
विवाह में यह करन है की विलंब हाेता है क्योंकि हनुमानजी जी अविवाहित है
आप जानते हैं की लाेहा लाेहे काे कटता है यही करण है की मगंलिक का विवाह, मांगलिक से ही हाेता है ताकि काेइ समस्या न हो पर मेरा मानना है कि अगर मंगल की विधिवत शांति करवाने से भी मंगल शात हाेगा
क्यों कि हनुमानजी जी बहुत दयालु है
जन्म कुंडली में जब मगंल 1,4,7,8,12, हाे तो मंगल दाेष लगता है
मित्रों ये बात आप जान ले की विवाह में शानि +मंगल की भूमिका महत्वपूर्ण है अकेला मंगल विवाह के लिए दाेषी नहीं माना जा सकता है
मंगल के उच्च, स्वगृही, हाेकर मगंल दाेष बनने पर मंगल का सूर्य, राहु या शानि के साथ हाेने पर, चंद्र मंगल या गुरु मंगल याेग बनने पर मंगल दाेष में कमी हाेती है,
गुरु के साथ लग्न या केन्द्र में हाेने से मगंल दाेष नगण्य माना जाता है
मंगल पर शुभ ग्रह का प्रबल प्रभाव या दृष्टि या मगंल का अति निर्बल व अस्त हाेने पर मंगल का दाेष खत्म हो सकता है मेरा मानना है की मगंलिक की व्यवस्था विधिवत शांति से गैर मांगलिक से विवाह संभव है
मंगल शांति के अचूक उपाय
1-मंगलिक हाेने पर जातक कुल गुरु से हमेशा असिरवाद ले गुरु का चरणामृत नित्य सेवन करें मेरा तर्क है कि मंगल छत्रिय है और ब्रह्माण उसका गुरु है मतलब साफ है मंगल सबसे ज्यादा सम्मान गुरु काे देता है
2- नित्य 21मंगलवार बहते हुए पानी 💦 में रेवड़ी फेंके, खासकर जब चंद्रमा धनिष्ठा नछत्र का हाे और जब मंगलधनिष्ठा नछत्र का हाे ताे लगातार यह उपाय करें मेरा तर्क है की धनिष्ठा का देवता वरुण है अतः यह उपाय करगर है
3-  प्रत्येक माह के मृगशिरा, चित्रा, धनिष्ठा नछत्र में मगंल का दान अवश्य करें दान में चावल, शास्त्र, गुड, मसूर लाल वस्त्र, केसर,108 लाल फूल की बनी माला हनुमान जी काे अर्पित करें
4-मंगल संक्राति काे शुभ कार्य  करे
5- उत्तम प्रकार का मुंगा धारण करें
6- मुगें की  सामग्री हनुमान जी काे, अर्पित करें 7 मंगल वार
6-जातक के जन्म कुंडली में मगंल जहां भी स्थित हाे वहा के नछत्र स्वामी व देवता का उपाय जरूर करें
7- मंगल चंडिका मंत्र का विधिवत अनुष्ठान करवे किसी देवी मंदिर में मंगल के नछत्र में
नाेट -मित्रों मैं इश्वर की कृपा से यह शाेध किया है परन्तु मैं संपूर्ण नहीं हूं अत आप आपना आलोचनात्मक कंमेट जरूर दे
में सुधारने का प्रयास करूंगा
आपका कृपा पात्र
राजा पंडित
इलाहाबाद 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏👏👏👏👏👏❤❤👏👏
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आज का सुविचार
18/7/2015
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अनाज का कच्चा दाना ज़मीन में डालने से उग जाता है और अगर वही दाना पक गया हो तो उगता नहीं, बल्कि उस ज़मीन में विलीन हो जाता है | इसी तरह अगर आत्मा का प्रेम कच्चा है तो वह बार-बार जन्म लेती है और यदि वह प्रेम पक्का है तो परमात्मा उसे अपने में विलीन कर लेता है....
TODAY TIPS OF DAY
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आज शनिवार हे और आज के दिन अगर पीपल को पानी में तिल डाल कर जल अर्पण करे तो निश्चित रूप से बरकत वाला पैसा आता हे।क्योकि हर शनिवार को पीपल के वर्क्ष में भगवान विष्णु और लक्ष्मी का वास होता हे और रविवार के दिन विष्णु और दरिद्रता का वास होता हे। इसलिए हर शनिवार को जल अर्पण करके जड़ को हाथ लगाकर मनोकामना मांग सकते हे।शनिवार को पीपल के पेड़ के निचे सरसों के तेल का दीपक जलावे चार बत्ती वाला तो शत्रु बाधा दूर होती हे।सोमवार से शनिवार के दिन रोज परिक्रमा करने से भाग्यशाली बनते हे।अगर कोई ज्यादा बीमार हे और दवाई असर नही कर रही हे तो पीपल के पेड़ की जड़ को मरीज के पास रखकर प्राथना करे तो आशातीत परिणाम निकल सकता हे।DIVINE SOUAL RAJA PANDIT
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