समय
प्रतिछा है समय की
जो कुनकुने पानी की तरह
सहला देगा खुरदुरी हथेलिया
बेमोल बांट देगा
अनमोल मुस्कुराहटें
माथे पर जमी हुईं
विवस्तओ की सिलवटे
उतर आएंगी पलकों तक
नई दृस्टि का नव लोक तकने तक
प्रतिछा है बस समय की
जब घुटनो के बल
रेंगता हुआ आदमी
आसमानी सितारे कांख दबोचे
चल पड़ेगा
रौशनी के अंतहीन सफर पर
सड़को पर ऊंघती नाघ की धुप
चैत की प्यास की तरह लगेगी हुलसने
"मधु राज "उर्फ़ राजा पंडित
प्रतिछा है समय की
जो कुनकुने पानी की तरह
सहला देगा खुरदुरी हथेलिया
बेमोल बांट देगा
अनमोल मुस्कुराहटें
माथे पर जमी हुईं
विवस्तओ की सिलवटे
उतर आएंगी पलकों तक
नई दृस्टि का नव लोक तकने तक
प्रतिछा है बस समय की
जब घुटनो के बल
रेंगता हुआ आदमी
आसमानी सितारे कांख दबोचे
चल पड़ेगा
रौशनी के अंतहीन सफर पर
सड़को पर ऊंघती नाघ की धुप
चैत की प्यास की तरह लगेगी हुलसने
"मधु राज "उर्फ़ राजा पंडित
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