शनिवार, 12 सितंबर 2020

                                                        ॐ श्री गणेशाय नमः                            

                                             तस्वीर से वास्तु दोष दूर करे 

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में श्रृंगार, हास्य व शांत रस उत्पन्न करने वाली तस्वीरें ही लगाई जानी चाहिए।घर के अन्दर और बाहर सुन्दर चित्र , पेंटिंग , बेल- बूटे , नक्काशी लगाने से ना सिर्फ सुन्दरता बढती है , वास्तु दोष भी दूर होते है।  

 
  • फल-फूल व हंसते हुए बच्चों की तस्वीरें जीवन शक्ति का प्रतीक है। उन्हें पूर्वी व उत्तरी दीवारों पर लगाना शुभ होता है। इनसे जीवन में खुशहाली आती है।
  • लक्ष्मी व कुबेर की तस्वीरें भी उत्तर दिशा में लगानी चाहिए। ऐसा करने से धन लाभ होने की संभावना अधिक होती है।
  • यदि आप पर्वत आदि प्राकृतिक दृश्यों की तस्वीरें लगाना चाहते हैं तो दक्षिण या पश्चिम दिशा में लगाएं।
  • नदियों-झरनों आदि की तस्वीरें उत्तरी व पूर्वी दिशा में लगाना शुभ होता है।
  • वसुदेव द्वारा बाढग़्रस्त यमुना से श्रीकृष्ण को टोकरी में ले जाने वाली तस्वीर समस्याओं से उबरने की प्रेरणा देती है। इसे हॉल में लगाना चाहिए।
  • युद्ध प्रसंग, रामायण या महाभारत के युद्ध के चित्र, क्रोध, वैराग्य, डरावना, वीभत्स, दुख की भावना वाला, करुण रस से ओतप्रोत स्त्री, रोता बच्चा, अकाल, सूखे पेड़ कोई भी चित्र घर में न लगायें।
  • घर में दक्षिण दीवार पर हनुमान जी का लाल रंग का चित्र लगाएं। ऐसा करने से अगर मंगल आपका अशुभ है तो वो शुभ परिणाम देने लगेगा। हनुमान जी का आशीर्वाद आपको मिलने लगेगा। साथ ही पूरे परिवार का स्वास्थय अच्छा रहेगा।
  • घर का उत्तर पूर्व कोना (इशान कोण) स्वच्छ रखें व वंहा बहते पानी का चित्र लगायें | (ध्यान रहे इस चित्र में पहाड़/पर्वत न हो )
अपनी तस्वीर उत्तर या पूर्व दिशा मैं लगायें
  • उत्तर क्षेत्र की दीवार पर हरियाली या हरे चहकते हुए पक्षियों (तोते की तस्वीर) का शुभ चित्र लगाएं। ऐसा करने से परिवार के लोगों की एकाग्रता बनेगी साथ ही बुध ग्रह के शुभ परिणाम मिलेंगे। उत्तर दिशा बुध की होती है।
  • लक्ष्मी व कुबेर की तस्वीरें भी उत्तर दिशा में लगानी चाहिए। ऐसा करने से धन लाभ होने की संभावना है।
  • घर में जुडवां बत्तख व हंस के चित्र लगाना लगाना श्रेष्ठ रहता है। ऐसा करने से समृद्धि आती है।
  • घर की तिजोरी के पल्ले पर बैठी हुई लक्ष्मीजी की तस्वीर जिसमें दो हाथी सूंड उठाए नजर आते हैं, लगाना बड़ा शुभ होता है। तिजोरी वाले कमरे का रंग क्रीम या ऑफ व्हाइट रखना चाहिए।
  • घर में नाचते हुए गणेश की तस्वीर लगाना अति शुभ होता है।
  • बच्चा जिस तरफ मुंह करके पढता हो, उस दीवार पर मां सरस्वती का चित्र लगाएं। पढाई में रूचि जागृत होगी।
  • बच्चों के उत्तर-पूर्व दीवार में लाल पट्टी के चायनीज बच्चों की युगल फोटों लगाएं। ऎसा करने से घर में खुशियां आएंगी और आपके बच्चो का करियर अच्छा बनेगा। इन उपायों को अपनाकर आप अपने बच्चे को एक अच्छा करियर दे सकते हैं और जीवन में सफल बना सकते हैं।
  • अध्ययन कक्ष में मोर, वीणा, पुस्तक, कलम, हंस, मछली आदि के चित्र लगाने चाहिए।
  • बच्चों के शयन कक्ष में हरे फलदार वृक्षों के चित्र, आकाश, बादल, चंद्रमा अदि तथा समुद्र तल की शुभ आकृति वाले चित्र लगाने चाहिए।
  • फल-फूल व हंसते हुए बच्चों की तस्वीरें जीवन शक्ति का प्रतीक है। उन्हें पूर्वी व उत्तरी दीवारों पर लगाएं।
  • ऐसे नवदम्पत्ति जो संतान सुख पाना चाहते हैं वे श्रीकृष्ण का बाल रूप दर्शाने वाली तस्वीर अपने बेडरूम में लगाएं।
  • यदि आप अपने वैवाहिक रिश्ते को अधिक मजबुत और प्रसन्नता से भरपूर बनाना चाहते हैं तो अपने बेडरुम में नाचते हुए मोर का चित्र लगाएं।
  • यूं तो पति-पत्नी के कमरे में पूजा स्थल बनवाना या देवी-देवताओं की तस्वीर लगाना वास्तुशास्त्र में निषिद्ध है फिर भी राधा-कृष्ण अथवा रासलीला की तस्वीर बेडरूम में लगा सकते हैं। इसके साथ ही बांसुरी, शंख, हिमालय आदि के चित्र दाम्पत्य सुख में वृद्धि के कारक होते हैं।
  • कैरियर में सफलता प्राप्ति के लिए उत्तर दिशा में जंपिंग फिश, डॉल्फिन या मछालियों के जोड़े का प्रतीक चिन्ह लगाए जाने चाहिए। इससे न केवल बेहतर कैरियर की ही प्राप्ति होती है बल्कि व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता भी बढ़ती है।
  • अपने शयन कक्ष की पूर्वी दीवार पर उदय होते हुए सूर्य की ओर पंक्तिबद्ध उड़ते हुए शुभ उर्जा वाले पक्षियों के चित्र लगाएं। निराश, आलस से परिपूर्ण, अकर्मण्य, आत्मविश्वास में कमी अनुभव करने वाले व्यक्तियों के लिए यह विशेष प्रभावशाली है।
  • अगर किसी का मन बहुत ज्यादा अशांत रहता है तो अपने घर के उत्तर-पूर्व में ऐसे बगुले का चित्र लगाना चाहिए जो ध्यान मुद्रा मैं हो।
  • स्वर्गीय परिजनों के चित्र दक्षिण की दीवार पर लगाने से सुख समृधि बढेगी
  • यदि ईशान कोण में शौचालय हो, तो उसके बाहर शिकार करते हुए शेर का चित्र लगाएं।
  • अग्नि कोण में रसोई घर नहीं हो, तो उस कोण में यज्ञ करते हुए ऋषि-विप्रजन की चित्राकृति लगानी चाहिए।
  • रसोई घर में माँ अन्नपूर्णा का चित्र शुभ माना जाता है।
  • रसोई घर आग्नेय कोण में नहीं है तो ऋषि मुनियों की तस्वीर लगाए।
  • मुख्य द्वार यदि वास्तु अनुरूप ना हो तो उस पर नक्काशी , बेल बूटे बनवाएं।
  • दाम्पत्य जीवन को सुखमय बनाने के लिए घर में राधा कृष्ण की तस्वीर लगाए 
  • पढने के कमरे में माँ सरस्वती , हंस , वीणा या महापुरुषों की तस्वीर लगाएं।
  • व्यापर में सफलता पाने के लिए कारोबार स्थल पर सफल और नामी व्यापारियों के चित्र लगाएं।
  • ईशान कोण में शौचालय होने पर उसके बाहर शेर का चित्र लगाएं।
  • पूर्वजों की तस्वीर देवी देवताओं के साथ ना लगाएं।उनकी तस्वीर का मुंह दक्षिण की ओर होना चाहिए।
  • दक्षिण मुखी भवन के द्वार पर नौ सोने या पीतल के नवग्रह यंत्र लगाए और हल्दी से स्वस्तिक बनाए।
  • सोने का कमरा आग्नेय कोण में हो तो पूर्वी दीवार के मध्य में समुद्र का चित्र लगाए।

                                                 ॐ श्री गणेशाय नमः 

पूजा साधन में आपकी सकारत्मक ऊर्जा  को कैसे सुरछित करे 

1 -साधना में आपका आसान कुश या कंबल का रखे 
2 -जो आप जप या पूजा कर रहे उसकी संख्सा भूलकर किसी को मत बोले 
3 -दाहिने जल लेकर 3 बार गायत्री मन्त्र बोलकर अपने चारो ओर सुरछित कर लेवे 
4 -कपूर और सेंधा नमक जल में डालकर स्नान करे 
5 -किसी दूसरे का कुर्सी , सायन आसान प्रयोग मत करे 
6 - अपने वस्त्र स्वंय साफ करे 
7 - साबुन तेल ,सरसो तेल का परित्यग करे 
8 -भोजन स्वंय  बनाया करे 
9 -अपन माला  किसी को मत देवे 
10 -जप के मंत्र किसी को मत बोले 
11 -मानसिक और शारीरिक स्वछता पर ध्यांन देवे 


 

 

रविवार, 26 जनवरी 2020

                                                          ॐ श्री गणेशाय नम
सूर्य ग्रह : यदि आपकी कुंडली में सूर्य ग्रह बुरे प्रभाव दे रहा है तो आप केसर या का उपयोग करें। घर के लिए
रूम फ्रेशनर लाएं और शरीर के लिए इस सुगंध का कोई इत्र उपयोग करें।

चंद्र ग्रह : चंद्रमा मन का कारण है अत: इसके लिए चमेली और रातरानी के इत्र का उपयोग कर सकते हैं।
मंगल ग्रह : मंगल ग्रह की परेशान से मुक्त होने के लिए लाल चंदन का इत्र, तेल अथवा सुगंध का उपयोग कर सकते हैं।

बुध ग्रह : बुध ग्रह की शांति के लिए चंपा का इत्र तथा तेल का प्रयोग बुध की दृष्टि से उत्तम है।
गुरु ग्रह : केसर और केवड़े का इत्र के उपयोग के अलावा पीले फूलों की सुगंध से गुरु की कृपा पाई जा सकती है।

शुक्र ग्रह : शुक्र को सुधारने के लिए सफेद फूल, चंदन और कपूर की सुगंध लाभकारी होती है। चंपा, चमेली और गुलाब की तीक्ष्ण खुशबू से खराब हो जाता है।
शनि ग्रह : शनि के खराब प्रभाव को अच्छे प्रभाव में बदलने के लिए कस्तुरी, लोबान तथा सौंफ की सुगंध का उपयोग कर सकते हैं।

राहु और केतु छाया ग्रह : काली गाय का घी व कस्तुरी के इत्र का उपयोग कर राहु ग्रह के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है। यही यह कहीं से उपलब्ध न हो तो घर के शौचालय को साफ सुधरा रख कर घर में प्रतिदिन कर्पूर जलाएं। गुड़ और घी को मिलाकर उसे कंडे पर जलाएं।


पहला टोटका
मनोकामना पूर्ति हेतु : किसी भी शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार को ताजे गुलाब के फूल बजरंगबली पर 11 की संख्या में चढ़ायें। ऐसा लगातार 11 मंगलवार तक करने पर बजरंगबली प्रसन्न होकर साधक की मनोकामना पूर्ण करते हैं।
दूसरा टोटका
अचानक धन प्राप्ति हेतु : किसी भी शाम को गुलाब के फूल में कपूर का टुकड़ा रखकर उसे जला दें। कपूर के जल जाने के बाद उस फूल को देवी को चढ़ा दें।













































































































































































































































































































































                                               

बुधवार, 17 अगस्त 2016

मित्रो आइये जानते है मंगल का कर्क राशि में प्रभाव󾮞󾮞󾮞
कर्क राशि में स्थित होने पर मंगल बलहीन हो जाते हैं तथा इसके अतिरिक्त मंगल कुंडली में अपनी स्थिति विशेष के कारण अथवा किसी बुरे ग्रह के प्रभाव के कारण भी कमजोर हो सकते हैं। कुंडली में मंगल की बलहीनता कुंडली धारक की शारीरिक तथा मानसिक उर्जा पर विपरीत प्रभाव डाल सकती है तथा इसके अतिरिक्त जातक रक्त-विकार संबधित बिमारियों, तव्चा के रोगों, चोटों तथा अन्य ऐसे बिमारीयों से पीडित हो सकता है जिसके कारण जातक के शरीर की चीर-फाड़ हो सकती है तथा अत्याधिक मात्रा में रक्त भी बह सकता है। मंगल पर किन्हीं विशेष ग्रहों के बुरे प्रभाव के कारण जातक किसी दुर्घटना अथवा लड़ाई में अपने शरीर का कोई अंग भी गंवा सकता है। इसके अतिरिक्त कुंडली में मंगल की बलहीनता जातक को सिरदर्द, थकान, चिड़चिड़ापन, तथा निर्णय लेने में अक्षमता जैसी समस्याओं से भी पीडि़त कर सके
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बुधवार, 2 मार्च 2016

  काल के टिप्स
गुरु ग्रह की शान्ति हेतु उपाय
गुरु ग्रह की शान्ति हेतु उपाय- यदि जन्म कुण्डली में गुरु ग्रह अशुभ फल दे रहा हो तो निम्नांकित मंत्रों के जप करने से इसकी अशुभता में कमी आ जाती है।
वैदिक मंत्र- ॐ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु। यद्दीदयच्दवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्।
पुराणोक्त मंत्र- ॐ देवानां च ऋषीणां च गुरु कांचन संन्निभम्। बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।।
तंत्रोक्त मंत्र- ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः ।
जप संख्या- 19000। वर्तमान कलयुग में चार गुना (19000 *4 = )76000 
गुरु गायत्री मंत्र- ॐ अंगिरो जाताय विद्महे वाचस्पतये धीमहि तन्नो गुरु प्रचोदयात्।।
रत्न- गुरु के शुभत्व में वृद्धि हेतु सोने या चांदी में सवा पांच रत्ती का पुखराज शुभ मुहूर्त में धारण करना चाहिए।
यंत्र- गुरु यंत्र को सोने या चांदी के पत्र पर लिखवाकर या भोजपत्र पर अष्टगंध से लिखकर पूजा प्रतिष्ठा करवाकर गले या दाहिनी भुजा में धारण करना चाहिए।
दान सामग्री- पीले वस्त्र, पुखराज, पीले चावल, चने की दाल, हल्दी, शहद,पीले फल, घी धर्म ग्रन्थ, सुवर्ण पीली मिठाई दक्षिणा आदि।
अन्य उपाय- गुरु की प्रसन्नता हेतु बृहस्पति वार का व्रत धारण करना चाहिए। पीले पुष्पों से पूजन करना चाहिए, केशर का तिलक लगाना चाहिए, श्री विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ करना, गौ सेवा करना, पीले वस्त्रों का प्रयोग करना, व दानादि से इनकी अशुभता को कम किया जा सकता है।

शनिवार, 27 फ़रवरी 2016

                                                          समय
प्रतिछा है समय की
जो कुनकुने पानी की तरह
सहला देगा खुरदुरी हथेलिया
बेमोल बांट देगा
अनमोल मुस्कुराहटें
माथे पर जमी हुईं
विवस्तओ की सिलवटे
उतर आएंगी पलकों तक
नई दृस्टि का नव लोक तकने तक
प्रतिछा है बस समय की
जब घुटनो के बल
रेंगता हुआ आदमी
आसमानी सितारे कांख  दबोचे
      चल पड़ेगा
रौशनी के अंतहीन सफर पर
सड़को पर ऊंघती नाघ की धुप
चैत की प्यास की तरह लगेगी हुलसने
               "मधु राज "उर्फ़ राजा पंडित 

शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2016


           अदभुत फल  देती है   मंगल और शनि की युति 
                                                          कर्मो के आधार पर देते है जातक को दण्ड
 शनि और मंगल दोनों की गिनती पाप ग्रहों में होती है। कुंडली में इनकी अशुभ स्थिति भाव फल का नाश कर व्यक्ति को परेशानियों में डाल सकती है, लेकिन कभी कभी ये योग जातक को बुलंदी पर ले जाती है 
शनि-मंगल युति-प्रतियुति जीवन में आकस्मिकता का समावेश कर देती है। वैवाहिक जीवन, नौकरी, व्यवसाय, संतान, गृह सौख्य इनसे संबंधित शुभ-अशुभ घटनाएँ जीवन में अचानक घटती हैं। अचानक विवाह जुड़ना, अचानक प्रमोशन, बिना कारण घर बदलना, नौकरी छूटना, कार्यस्थल या शहर-देश से पलायन आदि शनि-मंगल युति के आकस्मिक परिणाम होते हैं।यहाँ  तक की राज नीति अस्थिरता भी ये ग्रह ही देते है 
                    प्रस्तुति ज्योतिष भुसन राजा पण्डित
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